Thursday 30 May 2013

पैसे की तृष्णा..

रोज सोचती हूँ क्या करना है इतना पैसा?
क्या राजा बन  अहंकार हमें जाताना है??
                       
क्यूँ अंधे पैसे की होड़ में आगे बढ़ते जाना है?
क्या रोज हमें सोने से बनी रोटियाँ खाना है??

क्यूँ पैसे की तृष्णा मन की हवस बन रही है?
क्यूँ जीवन में हरदम इतनी कलह् बढ़ रही है??

पैसे को भगवान् समझ कर लोग टूट पड़े हैं।
जीवन की आपाधापी में रिश्ते पीछे छूट रहे हैं।।

पैसे से कभी कोई सुख खरीद सका है मानव?
पैसे ने खड़े किर दिये हैं रोज नित नए दानव।।
                       
पैसा एक दुशशक्ति है, न संगी है न साथी है।
इसके मोहपाश में बंधकर चल जाती लाठी है।।

पैसे का मोह न कर ऐ बन्दे चंचल कहाँ टिकता है।
इस जेब से उस जेब, दिन भर पड़ा भटकता है ।।

पैसा भी आज तक क्या किसी का सगा हुआ है?
राजा हो या रंक इसने तो सबको ठगा हुआ है।।

कभी कही ना जायेगा क्या ऐसा कोई दावा है?
तेरा बनकर साथ रहेगा इसने किया वादा है??

Wednesday 29 May 2013

अजब गजब पप्पू ....

टीवी पर हमले की खबर सुनी,
डर के मारे पप्पू का बुरा हाल है।
 
छुपे जाकर वो किस पाताळ में,
यही सोच कर हो रहा बेहाल है।

नक्सालिओं ने जो किया था हमला,
दिखता उसमे जोगी का ही कमाल है।
 
जोगी के जाते बाकि सबकी जान गयी,
इसमें जरुर कोई ना कोई गोलमाल है।

खूब हैरान हुआ पप्पू उसके रहते हुए,
कांग्रेस में आया कोई नया चालबाज़ है।  
कहा हे दीदी! भरे पड़े स्विस बैंक हमारे,
हमने तो खूब बना लिया मोटामाल है ।

जीजा ने हड़पकर मीलों लम्बी जमीन 
खुद को बना लिया बड़ा जमींदार है।  
चारों ओर छाई भूखमरी, गरीबी, महंगाई 
हमें क्या करना, हम हो गए मालामाल है।

जिनको करना है करें वो भारत निर्माण,
लेकिन मुझे तो जाना अपने ननिहाल है।
 
जब तक न जायेंगे अपनी नानी के घर,
केजरीवाल सी मेरी भी भूख-हड़ताल है।

भई, जो भी हो पप्पू की अजब-गजब बातें 
KRK,राखी सावंत से भी ज्यादा कमाल है।

Saturday 11 May 2013

भगवान् क्यों नहीं आते ? 


चारों ओर हो रहा इतना त्राहिमाम-त्राहिमाम,

फिर भी क्यों नहीं हमें कहीं दिखते भगवान्?

अब हर कोई हमसे पूछे बस यही एक सवाल,

ये सब देख क्यों नहीं आते हमें बचाने भगवान्?

हमने थोडा सोचा अपने अंदर बाहर जो खोजा,

तो भई,कुछ इस तरह का मिला हमें जवाब कि-

हमने सचिन को बना डाला क्रिकेट का भगवान,

डॉक्टर को जीवनरक्षा करने वाला माना भगवान्,

अध्यापक को शिक्षा देने वाला कह दिया भगवान्,

नेता ने बागडोर थाम खुद समझ लिया भगवान्,

अपराधी बैखौफ होकर माने खुद को भगवान,

साधू जनता को मुर्ख बनाकर बन बैठे भगवान,

पुलिस ताकतवर बनकर हुई समाज की भगवान,

पति समझे खुद को महान, बना पत्नी का भगवान,

जब धरती पर पहले से ही हैं इतने सारे भगवान,

फिर क्यों हमें बचाने आयें असली वाले भगवान्?? 

मदर्स डे...


नहीं भूलती तुम्हारी कही बातें,
आसमान के नीचे बितायी रातें।
                           
माँ तब जीवन बड़ा सरल था,
तुम्हारे प्यार में कोई न छल था।

तुम्हारा ज्ञान की बातें बताना,
हमारा समझकर नासमझ बन जाना।
                                 
सब्जी देख नाक भों सिकोड़ना,
फिर भूख लगने पर खा भी लेना।

कभी चिल्लाना कभी बात न मानना,
हर बात पे रूठना, तुरंत मान जाना। 
                                 
अब तो रूठे हुए सालों बीत गए हैं,
कौन करे मनुहार कान तरस गए हैं।

बीते दिन ऐसे हमसे दूर हो गए हैं,
कहानी किस्सों से महसूस हो रहे है।
                                 
कुछ ऐसा हो जाये कहीं से कोई आये,
जा कर तुम्हे उस देश से लेकर आये। 

एक बार प्यारा चेहरा देख सकूँ,
माँ हाथ लगाकर मैं तुम्हे छू सकूँ। 
                               
काश ऐसा इक बार हो जाये,
कैसे भी बेटी माँ का स्पर्श पाए। 

जानूं कि उस देश का पता नहीं,
जा पाऊं ऐसा कोई रास्ता नहीं। 
                                 
ये मन माँ को हरपल ढूंढता है,
व्याकुलता में आसमान ताकता है।

कभी किसी सितारे में दिख जाओ,
या फिर चंद्रमा में ही नज़र आओ। 
                                 
माँ बिना तुम्हारे ये जीवन सूना है,
तुम्हारी बेटी का हर दुःख दुगना है।

हर जन्म तुम्हे ही माँ के रूप में पाऊं,
बेटी बन अपना जीवन सफल बनाऊं।
                                 
यही कामना, प्रार्थना मैं दोहराऊं,
सदैव तुम्हारी ही बेटी कहलाऊं।।