Tuesday 10 March 2015

ख़त्म हुआ #WomensDay..


चलो जी ख़त्म हुआ #WomensDay..
और शुरू हुआ बाकी 364 दिन का खेल
अब #MothersDay का इंतज़ार करेंगे।
चलो हम शराफत का नकाब उतार फैंकें
और फिर पुराने ढर्रे पर वापिस लौट आएं।
माँ बहन की गालियों से अपना दिन शुरू करें
सड़क पर चलती हर लड़की को छेड़ें।
आज दहेज के लिए फिर कोई बहु जलाएं
अपने घर की औरत को पैर की जूती बताएं।
बेटी को नैतिकता के सारे पाठ पढ़ायें
बेटे को आज़ादी दें, बेटियों पर बंदिश लगाएं।
लड़की की नंगी तस्वीरों से दीवार सज़ाएं
भोग की वस्तु समझें और देह व्यापर कराएं।
प्यार प्रीत का झांसा देकर उसे घर से भगाएं
प्रणय निवेदन न स्वीकारे तो तेजाब पिलायें।
थप्पड़ घूसे चप्पल के बल पर अधिपत्य जमायें
ना माने तो बलात्कार कर उसे सबक सिखाएं।
पुत्र ही मेरे वंश की बेल है, यह मानकर
आओ कन्या की भ्रूण में ही हत्या कराएं।
साल दर साल सिलसिला यूँही चलाते जायें
अगले हर 8 मार्च फिर महिला दिवस मनाएे।।