दिल का अफसाना..
इस दिल के सौ-सौ अफसाने
कुछ नए बाकि किस्से पुराने।
क्या करें सुना के हाल अपना
जो टूट गया, था मेरा सपना।
दिल को कितना भी बहलायें
उलटी सीधी बातों में उलझायें।
गैरों का हो मुझसे बने बैगाना
इसकी सोच का उल्टा पैमाना।
परायों की बात सुन होता खुश
मुझसे दूर हो कर देता है दुःख।
बड़ा चालाक चलता है अपनी चाल
न पूछो इस दिल का क्या है हाल।
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