मेरा मन तेरे प्यार का दर्पण...
मेरा मन तेरे प्यार का दर्पण
प्यार मेरा तुझ पर हो अर्पण।
मुझसे तू जितना प्यार करेगा
प्रिय ये दर्पण उतना चमकेगा।
प्रियतम रंग रूप मेरा निखरेगा
संग-संग जीवन तेरा संवारेगा।
तेरे मेरे प्यार में आ गई जो दूरी
दर्पण में हमें छवि दिखे अधूरी।
दोनों मिलके कितना भी चमकाएं
प्रिय तस्वीर साफ़ न देख पाएंगे।
प्रियवर बना मत प्यार को मजबूरी
क्यूँ तस्वीर हमारी कभी हो धुंधली।
ऐसा हो अपना प्यार और समर्पण
सदा निखरा रहे इस मन का दर्पण।
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